Introduction :-
छात्रों के मन में ( मशीनिस्ट,टर्नर ,फिटर ) ट्रेड क्या है इसमें क्या होता होगा , ये किस विषय की पढाई है हम इन्ही बातों के बारे में जानकारी प्रदाय करना ही हमारे लेख का उद्देश्य है |
व्यवसाय मशीनिस्ट नाम से अपना परिचय दे रहा है इंजीनरिंग के क्षेत्र में उद्योगों को सफल संचालन एवं उच्च परिष्कृत मशीनो को ऑपरेट करने के लिए कुशल मशीनिस्ट की आवश्यकता है | जिसके आपूर्ति करने के लिए विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में मशीनिस्ट ट्रेड संचालित है जिनका लक्ष्य प्रशिक्षणार्थियों को उच्च श्रेणी की ट्रेनिंग देकर कुशल और दक्ष टेक्नीशियन का निर्माण करना मुख्य उद्देश्य है |
Training of Machinist (मशीनिस्ट ट्रेड का प्रशिक्षण ):-
मशीनिस्ट ट्रेड में ट्रैनीस को विभिन्न प्रकार के मशीनो जैसे -, मिलिंग ,शेपर ,स्लॉटर ,प्लैनेर,ग्राइंडिंग,पावर सा , शीयरिंग , सी एन सी मशीनो ,को चलना एवं उसके थ्योरी पाठ्यक्रम ,प्रायोगिक पाठ्यक्रम के अनुसार जॉब बनाना सिखाया जाता है साथ ही मशीनो का मैंटेनस व रखरखाव भी सिखाया जाता है |
मशीनिस्ट दो भाग से मिलकर बना है :- 1 . मशीन 2 . मशीन टूल
मशीन - जो किसी विशेष कार्य की पूर्ति के लिए बनाया जाता है |
मशीन टूल -मशीन के साथ उपयोग में आने वाले कलपुर्जो का समूह जो कोई भी कार्य या जॉब बनाने में मदद करते है |
मुख्य रूप से मशीन और मशीन टूल्स मशीनिस्ट सफल बनाता है जो की तीन प्रकार से जॉब को पूर्ण करता है -
1- किसी मशीनिंग प्रक्रिया(कटिंग ) करके जॉब का निर्माण करती है- जिसके उदाहरण टर्निंग, मिलिंग, ग्राइंडिंग, शेपिंग, स्लॉटिंग, प्लेनिंग आदि |
2- किसी मशीनिंग प्रक्रिया(जोड़) करके जॉब का निर्माण करती है- जिसके उदाहरण वेल्डिंग ,ब्रेजिंग ,शोल्डरिंग आदि |
3 -किसी मशीनिंग प्रक्रिया न ही कटिंग करकेऔर न ही जोड़ करके , परन्तु जॉब का निर्माण करती है- जिसके उदाहरण स्ट्रैटिंग मशीनिंग ,शीयरिंग मशीन , बेन्डिंग |
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